Wednesday 22 May 2013

भीषण गर्मी और जाम

देश की राजधानी दिल्ली हमेशा गुलिस्तान होती है मगर कभी कभार परेशान होती है। इन दिनों दिलवालों की दिलदार दिल्ली जानलेवा गर्मी और जाम से परेशान है। दूसरे शब्दों में कहें तो `एक करेला दूसरा नीम' चढ़ा वाली हालत बनी हुई है। बढ़ता, चढ़ता हुआ पारा सभी को बेचारा बना रहा है। मई में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस पहुंच रहा है, आने वाले दिनों में क्या होगा? गर्मी अपने पूरे शबाब पर है और गर्मी कोई नरमी भी नहीं दिखा रही। गर्मी से बदहाल होने का एक कारण यह भी है कि सड़कों पर लाखों एसी कारें और सैकड़ों एसी बसें दौड़ती हैं। इन वाहनों से बाहर निकल रही गर्मी भी तो परेशानी बढ़ा रही है।
इस बीच सड़कों पर कई कारणों से लंबा जाम लगता है। किसी ने बिल्कुल सही कहा कि दिल्ली तेज लू और ली से दिक्कतें झेल रही है। लू से तो आप सभी वाकिफ हैं मगर ली ने भी तो जान ले ली है। ली यानी पड़ोसी देश के पधानमंत्री। ये जनाब तीन दिन के लिए दिल्ली यात्रा पर आए हैं और इनकी सुरक्षा को देखते हुए कई सड़कें और मेट्रो स्टेशन बंद किए गए और जाम का अंजाम यह हुआ कि दिल्ली ठहर गई। लू की वजह से पसीने में तर बतर दिल्ली की जाम में सांसें अटकने लगीं। इसके अलावा आईपीएल के मैच से भी जाम लगता है। दिल्ली गर्मी और जाम से राहत चाहती है मगर यह राहत देना किसी के हाथ में नहीं। बादल दिखाई देंगे तो राहत की उम्मीद भी होगी।

उत्तर पदेश में पिछली सरकार ने पार्कों में थोक में मूर्तियां और हाथी लगवाए। कहते हैं इस मामले में 1400 करोड़ रुपए बहा दिए गए। अब पदेश के लोकायुक्त ने यह रकम दो पूर्व मंत्रियों से वसूलने के आदेश दिए हैं। कमाल यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री को बेगुनाह माना गया है।

यूएई यानी सउदी अरब में शानदार बुनियादी ढांचा बनाने में भारत के कामगारों का बड़ा हाथ है। अब वहां एक कानून बनाकर केवल उसी देश के लोगों को काम देने का हुक्म दिया गया है। जितनी हिम्मत, कुब्बत और कौशल हिन्दुस्तानियों में है उतना किसी और मुल्क के लोगों में कहां। बहरहाल 60 हजार भारतीय कामगारों को खतरा है मगर वहां के लोग तो बने बनाए बुनियादी ढांचे का शायद रख रखाव भी कर नहीं पाएंगे।

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